विज्ञान

कर्तव्य पथ पर अडिग रहने को ऊर्जा देते हैं नेताजी के ये ओजपूर्ण विचार

नई दिल्ली। भारत को आजादी दिलाने वाले महान नायकों में से एक नेताजी सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक (ओडिशा) में हुआ था। उस वक्त कटक ब्रिटिश कालीन बंगाल प्रेसीडेंसी का हिस्सा था। जो अब ओडीशा राज्य का एक जिला है। भारता मां को गुलामी की बेडिय़ों से मुक्त कराने में नेताजी ने जो अभूतपूर्व प्रयास किया उसे न सिर्फ सदियों तक याद रखा जाएगा बल्कि देश के नागरिक हमेशा के लिए लिए कृतज्ञ रहेंगे।
आजादी के संषर्ष के दौरान उन्होंने कई मौकों पर देश-विदेश में अनेकों सभाओं को संबोधित किया। इन्हीं संबोधनों से उनके कुछ ऐसे विचार सामने आए जो नौ जवानों में ऊर्जा भरने का काम किया। चूंकि 23 जनवरी को नेता जी की जयंती है और इसके तीसरे दिन 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस आ रहा है। ऐसे ही देशभक्ति के वातारण वाले अवसर पर हम आपको नेताजी के कुछ ओजपूर्ण विचारों से रूबरू करा हरे हैं जो मुश्किलों से लडऩे के लिए आज भी ऊर्जा देते हैं-
1- ये हमारा कर्तव्य है कि हम अपनी स्वतंत्रता का मोल अपने खून से चुकाएं। हमें अपने बलिदान और परिश्रम से जो आजादी मिले, हमारे अन्दर उसकी रक्षा करने की ताकत होनी चाहिए।
2- आज हमारे अन्दर बस एक ही इच्छा होनी चाहिए, मरने की इच्छा ताकि भारत जी सके! एक शहीद की मौत मरने की इच्छा ताकि स्वतंत्रता का मार्ग शहीदों के खून से प्रशश्त हो सके।
3- तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा (नेताजी ने यह नारा 4 छ्वह्वद्य4, 1944 को बर्मा में भारतीयों के सामने दिए भाषण में दिया था।)
4- याद रखिए सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।
5- एक सच्चे सैनिक को सैन्य और आध्यात्मिक दोनों ही प्रशिक्षण की जरुरत होती है।
6- भारत में राष्ट्रवाद ने एक ऐसी शक्ति का संचार किया है जो लोगों के अन्दर सदियों से निष्क्रिय पड़ी थी।

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