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क्या टीकाकरण के समय लोगों को मिलेगा वैक्सीन चयन करने का ऑप्शन?

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविशिल्ड और भारत बायोटेक के कोवाक्सिन के साथ 16 जनवरी से देश में बड़े पैमाने पर टीकाकारण अभियान चलाने जा रही है। इसके लिए राज्यों तक वैक्सीन पहुंचाई जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कहा था कि तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को फ्री में टीके लगाए जाएंगे। दो-दो वैक्सीन के साथ टीकाकरण की शुरुआत होने के कारण लोगों ने मन में कई सवाल कौंध रहे हैं। आखिर दोनों में कौन सी वैक्सीन अच्छी होगी? क्या लोगों को वैक्सीन के चयन की छुट होगी?
आपको बता दें कि टीकाकरण के समय लोगों के पास वैक्सीन के चयन के विकल्प नहीं होंगे कि वे किस कंपनी के टीके लगवाना चाहते हैं। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, दुनिया भर के कई देश एक से अधिक वैक्सीन का उपयोग कर रहे हैं। इन देशों में किसी भी लाभार्थी के पास ऐसा कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है।” यह दर्शाता है कि भारत में भी ऐसा हो सकता है। देश में कोरोना टीकाकरण स्वैच्छिक है।
डोजि़ंग पैटर्न को रेखांकित करते हुए, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि टीके की दो खुराक के बीच 28 दिनों का अंतर होगा और दूसरी खुराक के 14 दिन बाद इसकी प्रभावशीलता शुरू हो जाएगी। नीति आयोग के सदस्य-स्वास्थ्य डॉ. वीके पॉल और भूषण दोनों ने सुरक्षित व्यवहार बनाए रखने की आवश्यकता पर भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि पिछले हफ्ते भारत की कोरोना संक्रमण दर 2 प्रतिशत से कम थी। केवल केरल और महाराष्ट्र में 50,000 से अधिक मामले सामने आए थे।
दोनों टीके – कोविशील्ड और कोवाक्सिन को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक द्वारा निर्मित किया जा रहा है। 3 जनवरी को, दवा नियामक ने अपनी सुरक्षा और इम्युनोजेनेसिटी डेटा के आधार पर दोनों टीकों को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने की घोषणा की थी। पॉल ने कहा कि दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और वे सबसे सुरक्षित हैं।
अधिकारियों ने कहा, ”हमें इसमें कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि स्वीकृत दो टीके टीकों में सबसे सुरक्षित हैं। दोनों टीकों का हजारों लोगों पर परीक्षण किया गया है और दुष्प्रभाव नगण्य हैं। इसके कोई मायने नहीं हैं।” इसलिए, टीकाकरण से पहले और बाद में कोरोना के उचित व्यवहार को बनाए रखना अनिवार्य है।

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