नई दिल्ली। ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा है कि उन्हें दुख है कि वे तमिल नहीं सीख पाए। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया की सबसे प्राचीनतम भाषाओं में से एक तमिल को न सीख पाने का उन्हें अफसोस है। पीएम नरेंद्र मोदी की इस टिप्पणी को तमिलनाडु में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अहम माना जा रहा है। हाल ही में राहुल गांधी ने तमिलनाडु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी पूरे देश में एक ही कल्चर, एक ही सोचने का तरीका और एक विचारधारा थोपना चाहते हैं। ऐसे में नरेंद्र मोदी की तमिल भाषा को लेकर की गई टिप्पणी अहम है।
इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रकृति के संरक्षण के बारे में बात करते हुए असम के जयदेव पायेंग के बारे में भी बात की। पीएम नरेंद्र मोदी ने पायेंग के बारे में कहा, ‘वह 300 हेक्टेयर जमीन पर प्लांटेशन के लिए सक्रिय रहे हैं। वह वन संरक्षण के लिए तत्पर रहे हैं और लोगों को जैव-विविधता एवं संरक्षण का संदेश दिया है।’ मन की बात कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पोट्र्स मिनिस्ट्री से क्षेत्रीय भाषाओं और संस्कृति को प्रोत्साहित करने की भी अपील की। पीएम मोदी ने कहा, ‘हमें भारतीय खेलों में क्षेत्रीय भाषाओं में कॉमेंट्री को बढ़ावा देना चाहिए। मैं स्पोट्र्स मिनिस्ट्री और निजी संस्थानों से इस बारे में विचार करने की अपील करता हूं’