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देशभर के अन्नदाताओं की बजट 2021-22 एक उम्मीद 9000 रुपये हो सम्मान निधि की राशि!

नई दिल्ली। किसान आंदोलन के बीच देशभर के अन्नदाताओं की बजट 2021-22 एक उम्मीद बंध रही है। किसानों को लगता है कि इस बार मोदी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाएगी। उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में हर चार महीने पर उन्हें मिलने वाली 2000 रुपये की किस्त बढ़कर 3000 रुपये हो जाएगी। यानी 6000 रुपये सालाना मिलने वाली राशि 9000 हो जाएगी। बता दें पीएम किसान सम्मान निधि के तहत हर मोदी सरकार किसानों को 6000 रुपये 2000-2000 की तीन किस्त में देती है। अब तक इस योजना का लाभ 11 करोड़ 50 लाख किसान उठा रहे हैं।
एक फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में मोदी सरकार क्या इसकी राशि में इजाफा करेगी? यह सवाल लाखों किसानों के मन में है। कुशीनगर के मथौली बाजार में अपने खेत में खाद छिड़क रहे किसान राधेश्याम कहते हैं कि हर चार महीने पर मिलने वाली 2000 की रकम से काफी हद तक राहत मिलती है, लेकिन यह नाकाफी है। हो सकता है इस बार बजट में यह 3000 रुपये हो जाए। वहीं एक अन्य किसान विरेंद्र पाल कहते हैं कि खाद, बीज और सिंचाई में अब पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा लग रहा है। अगर मोदी सरकार किसानों की आय दोगुना करना चाहते हैं तो उन्हें पीएम किसान सम्मान निधि भी सम्मानजनक बनानी होगी। पाल को भी उम्मीद है कि सरकार पीएक किसान की रकम जरूर बढ़ाएगी।
वहीं विशेषज्ञों का भी कहना है कि सरकार को कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए आगामी बजट में स्वदेशी कृषि अनुसंधान, तिलहन उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण और जैविक खेती के लिए अतिरिक्त धनराशि और प्रोत्साहन देना चाहिए। उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों ने कहा कि प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण (डीबीटी) योजना का इस्तेमाल किसानों को सब्सिडी देने की जगह अधिक समर्थन देने के लिए होना चाहिए।
डीसीएम श्रीराम के चेयरमैन और वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अजय श्रीराम ने कहा कि पीएम-किसान योजना में डीबीटी तंत्र को ठीक से तैयार करना चाहिए और समय के साथ सब्सिडी देने के बदले किसानों को अधिक समर्थन देने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए। श्रीराम ने कहा कि यह किसानों को तय करना चाहिए कि वे इस धन का सही इस्तेमाल कैसे करना चाहते हैं।
डीबीटी के लाभों के साथ किसान बीज खरीद सकते हैं, नई प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर सकते हैं, पानी का बेहतर उपयोग कर सकते हैं और ऐसे ही कई दूसरे काम किए जा सकते हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने किसान के लिए बेहतर कीमत पाने और बिचौलियों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बजट में खाद्य प्रसंस्करण के लिए ब्याज प्रोत्साहन, करों में कटौती, प्रौद्योगिकी का उपयोग और विशेष प्रोत्साहन देना चाहिए।

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