नई दिल्ली। प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति जैसे वीवीआईपी लोगों के मूवमेंट में अब देश की नई संसद में ज्यादा रुकावटे नहीं आएंगी। नए संसद से जुडऩे वाली तीन नई सुरंग बनाई जाएंगी जो प्रधानमंत्री आवास, उपराष्ट्रपति भवन और संसद में सांसदों के चैंबर्स से जुड़ी होंगी। इन सुरंगों के पीछे का मतलब है कि अगर वीआईपी मूवमेंट संसद से अलग होंगे तो आम आवाजाही में कम व्यवधान होंगे।
सुरंगों के पीछे की अवधारणा काफी सरल है: यदि वीआईपी मूवमेंट संसद से अलग होगी तो कम रुकावटों के साथ वे कारसेप्स परिसर के अंदर और बाहर जा सकेंगे। अगर वीआईपी रास्ते अंडरग्राउंड होकर जाएंगे तो आसानी रहेगी।
सेंट्रल विस्टा की निर्माण योजना के अनुसार नया पीएम आवास और पीएमओ साउथ ब्लॉक की तरफ आएगा। नए वीपी चैंबर नोर्थ ब्लॉक में होंगे और इसके अलावा सांसदों के चैंबर उस तरफ होंगे जहां ट्रांसपोर्ट और श्रम शक्ति भवन हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ये सुरंगे सिंगल लेन की रहेंगी. क्योकि इनका इस्तेमाल विशेष रूप से कुछ लोगों द्वारा ही किया जाएगा। बताया गया है कि चूंकि ये छोटे खंड है ऐसे में संसद तक पहुंचने के लिए गोल्फ कोर्ट का इस्तेमाल किया जा सकता है। राष्ट्रपति भवन से इस तरह के लिंक की आवश्यकता नहीं थी, यह कुछ दूरी पर है और राष्ट्रपति की संसद में आना कम और पहले से निर्धारित होता है। सूत्रों ने बताया है कि सेंट्रल विस्टा के रिडेवलपमेंट का प्राथमिक उद्देश्य संसद परिसर के ऊपर और आसपास के क्षेत्र में सार्वजनिक पहुंच को और आसान बनाना है। वर्तमान में सेंट्रल विस्टा और लुटियंस बंगला जोन में कई हिस्सों में सुरक्षा कारणों और वीआईपी आवाजाही के लिए कई बार कड़ी व्यवस्था की जाती है, जिससे लोगों की मूवमेंट पर असर पड़ता है। आने वाले समय में वीआईपी रास्तों का इस्तेमाल सिर्फ 26 जनवरी की परेड जैसे कार्यक्रमों के लिए किया जा सकता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ‘सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में आने वालों और पर्यटकों का संसद तक पहुंचने को बेहतर बनाने के लिए वीआईपी मूवमेंट्स के लिए हाई सिक्योरिटी की जरूरत है जो आम रास्तों से अलग होगी। उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आवास, मंत्री और सांसदों के लिए चैंबर संसद भवन के करीब ही हैं।