छत्तीसगढ़

नारी शक्ति की रक्षा के लिए शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन और आत्मसम्मान के लिए किया जा रहा है सतत् प्रयास : भूपेश बघेल

उत्तर बस्तर कांकेर। लोकवाणी कार्यक्रम के 16वीं कड़ी का आयोजन कांकेर विकासखण्ड के नवीन ग्राम पंचायत पुसावंड में सामुहिक श्रवण किया गया, जिसे ग्रामीणों ने उत्साह पूर्वक सुना। मुख्यमंत्री ने रेडियो के माध्यम से ‘नारी शक्ति की बात’ विषय पर प्रदेश की जनता से मुखातिब हुए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोकवाड़ी के माध्यम से कहा कि छत्तीसगढ़ की कल्पना ही छत्तीसगढ़ महतारी के रूप में करते हैं, छत्तीसगढ़ को मां के रूप में, मातृशक्ति के रूप में, देखने और समझने का विचार हमें अपने पुरखों से विरासत में मिला है। राज्य गठन के बाद हमें लगता था कि यह भाव और अधिक सम्मान पाएगा, इसे सार्थक बनाया जाएगा। सरकार गठन के बाद डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा रचित उस ‘छत्तीसगढ़ी गीत को राज्य गीत घोषित किया, जिसमें कहा गया है, अरपा, पइरी के धार, महानदी हे अपार, इंद्रावती ह पखारे तोर पइयां, महूँ पाँव परँव तोर भुइँया, जय हो-जय हो छत्तीसगढ़ मइया’। इस तरह हमने महिलाओं के प्रति अपनी सरकार की प्राथमिकता को स्पष्टत: घोषित किया है। उन्होंने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ में दंतेश्वरी, बम्लेश्वरी, महामाया, चंद्रहासिनी, दुर्गा, शीतला और देवी के हर स्वरूप को पूजा जाता है। इस तरह हमारे जनमानस में मातृशक्ति की आराधना का जो भाव है, उसे हमने नए ढंग से प्रतिष्ठित किया जा रहा है। भूपेश बघेल ने कहा कि महिलाओं को आदर देने का संस्कार जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी है उनके अधिकारों की रक्षा करना, उनकी शिक्षा, सेहत, स्वावलम्बन, आत्मसम्मान के लिए सतत् प्रयास करना है।
दंतेवाड़ा जिला के हिरमी बाई ने प्रदेश के मुखिया से मुखातिब होते हुए हल्बी बोली में कहा कि प्रदेश चो मुुखिया के मैं जय जोहार करेंसे। जय जोहार। मोचो नाम हिरमी बाई नाम आए। मैं दंतेवाड़ा जिला के कुआकोंडा ब्लॉक चो टिकनपाल भठ्टीपारा में रहू आए। आमचो गांव गोटक दी ने महिला एवं बाल विकास विभाग बाटले बाल संदर्भ मेला होइलि। त मैं मोच पिला नेउर ले मोच पिला के डॉक्टर मन सांगला कि कमजोर आसे। एके एनआरसी अस्पताल में भर्ती करु पड़े तेे। मोच पिला अच्छा होय बोलू सांगलों ने मैं ना के नि ले और पंद्रह दिन में मोचो पिला के अच्छा देखभाल हो ली। दू, तीन टाइम चो काय-काय दवई मन ब ल देते रहाय डॉक्टर मन अउ पाछे एको बार बोली नई पैसा मोला दिला और मोचो पिला के अच्छा होलो से चो वजन बहुत अच्छा से बाढ़ली, स्वास्थ्य आसे, अच्छा खेलिसे, अच्छा खाये से तीन बार-चार बार खाये से पिला ऐ दे आए। आगे तो ऐ दारी आंगनबाड़ी जाये चो पिला मन भात बासी खायोसे, रोटी, भात, सब्जी, दाल सबाय चीज देवाल, अण्डा देवाल, लड्डू देवाल त आमाचो पिला मन के नेउ हुआ। आमचो प्रदेश चो मुखिया को मैं खूबे-खूबे धन्यवाद देयेंसे। मोर पिला चो जीव बाच ली। रंग-रंग चो हु ना चो, योजना मन चो फायदा के मिले से। आमचो पिला मन के खूबे खुस आसे। बहुत-बहुत धन्यवाद, जय जोहार।

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