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पहली बार कई गांवों में बनेंगे एससी और पिछड़ी जाति के ग्राम प्रधान

नई दिल्ली। पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण की स्थिति लगभग साफ हो गई है। इस बार आरक्षण की व्यवस्था रोटेशन में ही लागू होगी। ऐसी व्यवस्था में कई गांवों में पहली बार एससी और ओबीसी के प्रधान भी चुने जाएंगे। वहीं शासन की ओर से आरक्षण को लेकर संकेत मिलते ही दावेदार सक्रिय हो गए है। आरक्षण के लिए अब दावेदारों का विकास भवन पर आना शुरू हो गया है।
इस बार आरक्षण तय किए जाते समय यह देखा जाएगा कि कौन से ऐसे गांव हैं जहां 1995 से लेकर 2015 तक कभी भी सीट एससी या ओबीसी नहीं रही,जो गांव कभी एससी नहीं रहे,उन्हें इस बार एससी करने की तैयारी है,इसी तरह जिन गांवों में ओबीसी आरक्षण नहीं रहा,वहां ओबीसी किया जाएगा। इसके बाद जो गांव बचेंगे वहां आबादी के अनुसार सामान्य तरीके से आरक्षण की व्यवस्था लागू की जा सकती है। ग्राम पंचायतों में आबादी की गणना ब्लाक स्तर पर होगी।