छत्तीसगढ़

बच्चों के साथ व्यवहार में सावधानी बरतें : प्रभा दुबे

रायपुर। बाल कल्याण समिति के सामने बच्चों से संबंधित अनेक ऐसे प्रकरण आते हैं,जिनमें माता=पिता कठिनाई से बच्चों को वापस अपनाते हैं। ऐसी परिस्थिति में पालकों को मनोवैज्ञानिक सलाह देकर उनकी काउंसलिंग की जानी चाहिए। ये बातें छत्तीसगढ़ बाल कल्याण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने 27 जनवरी को राजधानी स्थित आयोग कार्यालय में रायपुर संभाग के बाल कल्याण समितियों के अध्यक्ष व सदस्यों से परिचर्चात्मक बैठक लेते हुए कहीं। उन्होंने बाल कल्याण समिति के अधिकारियों से कहा कि बच्चे अधिकांशत: देखकर सीखते हैं,इसलिए बच्चों से संव्यवहार करते समय उत्कृष्ट व्यवहार किया जाना चाहिए। इस अवसर पर बाल संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु जिला बाल संरक्षण अधिकारी राजनांदगांव श्री चन्द्रकिशोर लाड़े और रेलवे चाइल्ड के समन्वयक श्री प्रवीण सोनवानी लाइन को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। उपस्थित प्रतिभागियों ने प्रदेश में बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों, नवनियुक्त पदाधिकारियों को प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई और पीडित बच्चों के सामाजिक पुनर्वास सबंधी कठिनाइयां रखीं। इस अवसर पर आयोग के सचिव श्री प्रतीक खरे ने बाल अधिकारों पर विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए बाल कल्याण समितियों की अपेक्षित भूमिका को स्पष्ट किया। बैठक में कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखकर समस्त सुरक्षात्मक व्यवस्थाएं भी की गईं थीं।

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