रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान की टीम चमोली हादसे की खोलेगी राज!
नई दिल्ली। उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना की जांच पड़ताल शुरू हो गई है। रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान की टीम चमोली में उस स्थान का हवाई सर्वेक्षण की जहां ग्लेशियर टूटने की घटना हुई थी। रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान के निदेशक लोकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि आज हमारी टीम जोशीमठ गई थी, जहां से उन्होंने सड़क के जरिए भी सर्वेक्षण किया और रैनी गांव तक पहुंचे और वहां से साक्ष्य एकत्र किए हैं।
उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र क्या हुआ है, इसकी शुरुआती रिपोर्ट तैयार की है और इसे मुख्लायल और गृह मंत्रालय भेज दिया है। उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में कई ग्लेशियर हैं। जो ग्लेशियर टूटा था दरअसल वो लटका हुआ था। उन्होंने कहा कि लटकी हुई बर्फ की पूरी चादर पहाड़ पर गिरी जिसकी वजह से भूस्खलन हुआ और फिर मलबा नदी आ गया और वो बहाव के जरिए आगे बढ़ गया।
दूसरी ओर डीआरडीओ के बर्फ और हिमस्खलन अध्ययन प्रतिष्ठान (एसएएसई) के वैज्ञानिक रविवार रात को हवाई मार्ग से उत्तराखंड की राजधानी पहुंचे थे। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा, डीआरडीओ-एसएएसई के वैज्ञानिकों का एक दल बीती रात देहरादून के लिए विमान से रवाना हुआ था।
अब यह दल निरीक्षण करने और प्राथमिक जानकारी एकत्रित करने के लिए जोशीमठ इलाके के लिए निकल रहा है। रविवार को उत्तराखंड के चमोली जिले में नंदा देवी ग्लेशियर का एक भाग टूट गया था जिससे अलकनंदा नदी में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी। इस घटना में पनबिजली परियोजनाओं को नुकसान हुआ और कम से कम दस लोगों की मौत हो गई तथा 143 लापता हैं।