रमन सिंह सरकार ने लाखों मजदूरों के न्यूनतम वेतन को कम करके मजदूरों को नुकसान पहुंचायाः कांग्रेस
भाजपा सरकार उद्योगपतियों के साथी, मजदूरों की विरोधी : कांग्रेस
कांग्रेस की भूपेश सरकार ने मजदूरों के न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी करके न्याय किया
रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एम.ए. इकबाल ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर सीधावार करते हुये कहा है कि सन् 2017 में मजदूरों की जो न्यूनतम वेतन एवं महंगाई भत्ते का लेबर ब्यूरों शिमला द्वारा जारी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर वर्ष में दो बार दरें निर्धारित की जाती है, के बढ़े हुये आदेश जारी करने के पश्चात उन्हें वापस पुरानी दरों पर जारी किया। रमन सरकार द्वारा पूंजीपतियों के कहने पर बढ़ी हुई दर को घटाकर मजूदरों के साथ नाइंसाफी की गयी। यह कारनामा संभवतः पहली बार हुआ कि बढ़े हुये मूल्य सूचकांक को घटाकर न्यूनतम वेतन की दरें निर्धारित करके कम पैसा देकर लाखों मजदूरों का नुकसान किया गया। वर्तमान की भूपेश बघेल सरकार ने 1 अप्रैल 2021 से न्यूनतम वेतन अधिनियम 1948 के तहत श्रमिकों की न्यूनतम वेतन की दरें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (प्राईस इंडेक्स) के आधार पर अकुशल श्रमिकों 9720 रू., श्रेणी 9460 रू., सह श्रेणी के लिये 9200 रू. का प्रावधान किया, वहीं अर्धकुशल अ श्रेणी 10370 रू., ब श्रेणी 10110 रू., स श्रेणी के तहत 9850 रू. वहीं कुशल श्रमिकों की अ श्रेणी का 11150 रू., ब श्रेणी 10890 रू., स श्रेणी 10630 रू. निर्धारित कर भुगतान के आदेश जारी किये है जिसके लिये सरकार बधाई के पात्र है। डॉ. रमन सिंह द्वारा अनेकों बार अनुनय विनय करने के पश्चात दिल्ली के नेताओं ने आखिर कार असम में चुनाव प्रचार के कार्य की जिम्मेदारी दी है जबकि डॉ. रमन सिंह भाजपा शासित प्रदेशों में से एक छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रहे है, जो अपने पिछले 15 साल के कार्यकाल में किसानों, मजदूरों के साथ बहुत अन्याय एवं शोषण किया है। डॉ. रमन सिंह को अपने असम के चुनाव प्रचार में यह बात भी बतानी चाहिये कि उनकी भाजपा की सरकार उद्योगपतियों का साथ देने वाली सरकार रही है और उन्होंने जो कभी नहीं होता वह कर दिखाया कि मजदूरों के बढ़े हुये न्यूनतम वेतनमान को कम करके लगभग 1 वर्ष तक मजदूरों के साथ नाइंसाफी की एवं उनका आर्थिक शोषण किया। वहीं भूपेश बघेल सरकार किसान के साथ-साथ मजदूरों का हित सर्वोपरि मानकर कार्य कर रही है, चाहे परिस्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो। यह भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धि है।