छत्तीसगढ़

वर्मी कंपोस्ट को भी रासायनिक खादों की तरह मिले सबसिडी, आकांक्षी जिलों की अवधारणा में सांस्कृतिक उत्थान भी शामिल हो

रायपुर| मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठवीं बैठक में प्रदेश में उद्योगों, कृषि क्षेत्र के विकास, अधोसंरचना विकास, बस्तर अंचल में सिंचाई सुविधा बढ़ाने, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास जैसे राज्य हित के अनेक विषयों पर राज्य सरकार की योजनाओं एवं नीतियों की जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ को अतिरिक्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने का आग्रह प्रधानमंत्री से किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों द्वारा विकास के सभी मापदण्डों पर किए गए उत्कृष्ट प्रदर्शन का उल्लेख करते हुए सुझाव दिया कि आकांक्षी जिलों की अवधारणा में सांस्कृतिक उत्थान के बिन्दु को भी यथोचित महत्व एवं स्थान दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने वर्मी कम्पोस्ट खाद में भी रासायनिक उर्वरकों की भांति सबसिडी दिए जाने का सुझाव रखा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने डेल्टा रैंकिंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों में हुए नवाचारों की सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ वनाच्छादित, आदिवासी बहुल और खनिज धारित प्रदेश है यहां औद्योगिक विकास के लिए विशेष पैकेज की अपेक्षा है।  
    
    मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में खनिज कोयले के वृहद भण्डार होने के बावजूद छत्तीसगढ़ कोल ब्लॉक से वंचित है। अतः छत्तीसगढ़ की सार्वजनिक उपक्रम इकाई के लिए कोल ब्लॉक आबंटित किया जाए। वर्ष 2014 के बाद खनिजों की रॉयल्टी दरों में वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य शासन को अपूरणीय क्षति हो रही है। अतः शीघ्र रॉयल्टी दरों में संशोधन किया जाए। मुख्यमंत्री ने बैठक में बस्तर के नगरनार इस्पात संयंत्र का विनिवेश नहीं करने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में इस संबंध में शासकीय संकल्प भी पारित किया गया है। 

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