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स्थानीय उत्पादों का उपयोग करने के साथ-साथ प्रचार-प्रसार कर ब्रांड के रूप में स्थापित करें : सुश्री उइके

रायपुर। स्वदेशी हमारा गौरव है, यह वह शक्ति है जिससे हमारा देश आत्मनिर्भर बनेगा। कोरोना काल ने हमें कई सीख दी है। इस संक्रमण का सामना करते समय किसी ने सबसे अधिक साथ निभाया है तो वह है स्वदेशी। इस समय ने हमारे देश की प्राचीन विद्या आयुर्वेद तथा अन्य स्थानीय संसाधनों को अपनाने का एक रास्ता दिखाया। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके साइंस कॉलेज मैदान मेें भारतीय विपणन केंद्र द्वारा आयोजित स्वदेशी मेले के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पादों का उपयोग और खरीदने के साथ-साथ उसका गर्व के साथ प्रचार-प्रसार करें तथा उन उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करें।
राज्यपाल ने कहा श्री ठेंगढ़ी तत्व चिंतक थे, उनका कहना था कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान की स्वीकार्यता हो, पर हर समाज की अपनी संस्कृति होती है और हर देश के प्रगति और विकास मॉडल का उस देश के सांस्कृतिक मूल्यों के साथ तारतम्य होना चाहिए। राज्यपाल ने इस अवसर पर श्री ठेंगढ़ी को नमन किया।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए आत्म निर्भर भारत के आव्हान की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री लोकल फार वोकल होने की बात कहते हैं। हमें चाहिए कि हम अधिक से अधिक उन उत्पादों को खरीदना चाहिए जो हमारे देश में या स्थानीय संस्थानों द्वारा निर्मित हों। उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। हमारे देश के युवा कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ तथा अन्य प्रमुख पदों पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि हमें यह सोचना चाहिए कि हम अपने देश के लिए ऐसा क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने युवाओं से नवाचार और उद्यमी बनने का आग्रह करते हुए कहा कि अन्य देशों में सॉफ्टवेयर और मोबाइल का उपयोग करते रहे, वैसे ही सॉफ्टवेयर और उपकरण हम अपने देश में बनाएं और उसका अधिक से अधिक आमजनता तक पहुंच बनाए। इससे हमारे लोगों को रोजगार मिलेगा और हमारी पूंजी भी हमारे पास रहेगी। उन्होंने जॉब सीकर की जगह जॉब प्रोवाईडर बनने को कहा।
सुश्री उइके ने स्वदेशी वस्तु के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि हमें आज अर्न व्हाईल यू लर्न पर भी बात करनी चाहिए। युवा जल्द अपने काम की शुरूआत करें, फिर पढ़ाई के साथ कुछ काम कर सकते हैं। इस उम्र में उनमें काफी ऊर्जा होती है तथा जोखिम उठाने की क्षमता होती है। नवाचार से नए-नए आईडियाज-तकनीक आएंगे और स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अपार प्राकृतिक संपदा है। यहां के आदिवासी समाज के लोगों में हुनर है। उनके द्वारा बनाए गए कला कृतियों, वन उत्पाद से बने औषधियों को उचित मूल्य मिले इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच पहल करें और उन्हें मंच प्रदान करें। राज्यपाल ने स्वदेशी मेले में लगे स्टालों तथा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा लगाए गए उत्पादों का अवलोकन किया और सराहना की। कार्यक्रम में कोरोना वारियर्स तथा विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
कार्यक्रम को राज्यसभा सांसद श्री रामविचार नेताम, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक तथा स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत संयोजक श्री मोहन पवार ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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