हर वर्ग, जाति और समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाला बजट : डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम
आदिवासियों की बेहतरी का बजट में रखा गया है ख्याल
रायपुर। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा आज विधानसभा में प्रस्तुत वर्ष 2021-22 के बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्कूल शिक्षा एवं आदिम जाति कल्याण एवं सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा है कि बजट में हर वर्ग, जाति, समुदाय के कल्याण का बेहतर प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 के बजट में राज्य के समग्र विकास और छत्तीसगढिय़ों के कल्याण का पूरा-पूरा ध्यान रखा है। उन्होंने बजट में मुख्यमंत्री द्वारा राज्य में शिक्षा तथा वनवासियों के विकास के लिए बहुत बड़ी राशि के प्रावधान पर प्रसन्नता जताते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने राज्य में 119 नए अंग्रेजी स्कूल आगामी शिक्षा सत्र से शुरू करने की घोषणा के पालन के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में अंग्रेजी माध्यम से बच्चों को शिक्षा सुलभ कराने में मद्द मिलेगी। राज्य के सुदूर वनांचल क्षेत्रों के बच्चों को आवासीय शिक्षा सुविधा सुलभ कराने के उद्देश्य से 18 छात्रावासों के निर्माण के लिए बजट प्रावधान करने के साथ-साथ नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर के बोर्डिंग स्कूल की स्थापना की घोषणा की है। यह राज्य में शिक्षा के आयाम को एक नई ऊंचाई देने में मद्दगार साबित होगा। ‘पढऩा लिखना अभियान, के साथ ही आदिम जाति कल्याण विभाग के कन्या छात्रावासों की सुरक्षा के लिए बजट प्रावधान सराहनीय कदम है।
मंत्री डॉ. टेकाम ने प्रदेश के आकांक्षी जिलों जैसे नारायणपुर, कोण्डागांव, महासमुंद, कोरबा, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में एक-एक बालक और कन्या छात्रावास की स्थापना की जाएगी। बलरामपुर में पिछड़े वर्ग के लिए प्री-मैट्रिक बालक और कन्या छात्रावास, पाटन जिला दुर्ग में प्री-मैट्रिक अनुसूचित जाति बालक छात्रावास स्थापित किया जाएगा। इस सभी क्षेत्रों में विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराते हुए आगे अध्ययन के लिए भी पूरा सहयोग और माहौल मिलेगा।
अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावासों के संचालन के लिए 371 करोड़ रूपए और विवेकानंद गुरूकुल उन्नयन योजना के अंतर्गत निर्माण कार्यों के लिए भी 281 करोड़ रूपए का भी प्रावधान बजट में किया गया है। प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में महाविद्यालयों में भी सुविधा बढ़ाने की वजह से ऐसे विद्यार्थी जो आगे पढ़ाई की सुविधा नहीं होने से पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते थे। उनको अब आगे पढऩे और बढऩे के पर्याप्त अवसर मिल सकेंगे।
राज्य में स्कूल शिक्षा के विकास के लिए अन्य विविध कार्यों के लिए समग्र शिक्षा और अन्य स्रोतों से बजट उपलब्ध कराते हुए पॉलीटेक्नीक कॉलेजों के साथ मिलकर कुछ विशिष्ट कार्य करते हुए युवाओं को स्वरोजगार के लिए तैयार करेंगे। डॉ. टेकाम ने कहा कि स्कूल शिक्षा के सुधार के लिए राज्य में स्टार्टअप कर रहे युवाओं का सहयोग लिया जाएगा और टेक्नालॉजी में उत्कृष्ट पहचान बनाने संबंधी कार्यों में बिना किसी बाहरी सहयोग के बेहतर कार्यों को आगे बढ़ाएंगे। शिक्षकों को टेक्नालॉजी का उपयोग कर बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की दिशा में कार्य करेंगे।