देश-विदेश

राज्यसभा में बोले अमित शाह- पिछले 10 साल में मजबूत हुई देश की सुरक्षा, अब आतंकवादी जहां मरते हैं, वहीं दफन होते हैं

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यहाँ 21 सदस्यों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। एक तरह से गृह मंत्रालय के अनेक कार्यों के आयामों को समेटने का प्रयास किया गया। सबसे पहले मैं उन हजारों राज्य पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ सीमाओं को मजबूत करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने दावा किया कि पिछले 10 साल में सुरक्षा और मजबूत हुई। हमने सुरक्षाबलों का आत्मविश्वास बढ़ाया। उन्होंने हुंकार भरते हुए कहा कि अब आतंकवादी जहां मरते हैं, वहीं दफन होते हैं।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद उरी और पुलवामा में हमले हुए। हालांकि, 10 दिनों के भीतर ही भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके मुंहतोड़ जवाब दिया। केवल दो देश, अमेरिका और इजरायल ही अपनी सुरक्षा और सीमाओं के लिए खड़े होते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को भी इस सूची में शामिल कर लिया। उन्होंने कहा कि बसे पहले तो मैं देश की आजादी के बाद, देश की आंतरिक सुरक्षा को और देश की सरहदों को सुरक्षित करने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले स्टेट पुलिस और सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के हजारों जवानों को मैं मनपूर्वक श्रद्धांजलि देना चाहता हूं।
गृह मंत्री ने कहा कि इनके बलिदान से ही देश आजादी के 76 साल पार कर विश्व में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मैं बलिदानियों के परिवारजनों को भी मनपूर्वक धन्यवाद करता हूं। उनके सर्वोच्च बलिदान को ये देश, ये सदन कभी भूला नहीं पाएगा। उन्होंने कहा कि मैं अपने संविधान निर्माताओं को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि उन्होंने अनुच्छेद 370 को अस्थायी बनाया और उसी अनुच्छेद के भीतर इसे हटाने का समाधान प्रदान किया। हालाँकि, वोट बैंक की राजनीति ने इसे सुरक्षित रखा। लेकिन 5 अगस्त 2019 को, पीएम मोदी ने इसे हटाने का ऐतिहासिक कदम उठाया, जिससे कश्मीर के शेष भारत के साथ एकीकरण के एक नए युग की शुरुआत हुई।
अमित शाह ने कहा कि एक तरह से गृह मंत्रालय बहुत ही कठिन परिस्थितियों में काम करता है। संविधान ने कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों को दी है। सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के अधीन आती है। यह सही फैसला है। और इसमें कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है। लेकिन जब कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य संभालते हैं, तो 76 साल के बाद अब ऐसी स्थिति है कि कई तरह के अपराध सिर्फ राज्य की सीमा तक सीमित नहीं रह जाते, वे अंतरराज्यीय भी होते हैं और मल्टीस्टेट भी होते हैं जैसे नारकोटिक्स, साइबर क्राइम, संगठित अपराध गिरोह, हवाला।
उन्होंने कहा कि ये सारे अपराध सिर्फ़ एक राज्य के अंदर ही नहीं होते हैं। देश में भी कई अपराध देश के बाहर से भी होते हैं। इसलिए, इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय में बदलाव करना बहुत ज़रूरी हो गया है। मैं गर्व के साथ कहता हूँ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल में राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए गृह मंत्रालय में बहुत समय से लंबित बदलाव किए हैं। शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेन्द्र मोदी सरकार चुनकर आई, तब कई सारे मुद्दे हमें मिले। इस देश की सुरक्षा, विकास और सार्वभौमत्व को तीन बड़ी समस्याओं के कारण चुनौतियां मिलती रहीं।
शाह ने कहा कि ये तीन नासूर देश की शांति में खलल डालते रहे, देश की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाते रहे, देश के विकास की गति को अवरुद्ध करते रहे। उन्होंने कहा कि ये तीन नासूर थे… जम्मू कश्मीर में आतंकवाद, वामपंथी उग्रवाद और उत्तर पूर्व का उग्रवाद। इन समस्याओं के कारण चार दशक में देश के करीब 92 हजार नागरिक मारे गए। इसके बावजूद इन समस्याओं के संपूर्ण उन्मूलन के लिए एक सुनियोजित प्रयास कभी नहीं हुआ था। जो श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार आने के बाद हुआ।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में आए दिन, पड़ोसी देश से आतंकवादी घुसकर बम धमाके करते थे। एक भी त्योहार ऐसा नहीं होता था, जो चिंता के बगैर जाता था। लेकिन केंद्र सरकार का रवैया लचीला होता था, बोलने में डर लगता था, चुप्पी साध जाते थे, वोट बैंक का डर था। नरेन्द्र मोदी जी के आने के बाद आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई गई। शाह ने कहा कि पूरी दुनिया में दो ही देश ऐसे थे जो अपनी सीमा और सेना के लिए हमेशा तत्पर रहते थे… इजराइल और अमेरिका! इन दोनों देशों की लिस्ट में महान भारत का नाम नरेन्द्र मोदी ने जोड़ा और वहीं से शुरू हुई आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

#

Please consider supporting us by disabling your ad blocker