छत्तीसगढ़

विपक्ष के सवालों से घिरीं महिला-बाल विकास मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष ने दिया दखल

रायपुर। विधानसभा के प्रश्नकाल में छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों में दिव्यांगजनों की भर्ती और कार्यरत दिव्यांग कर्मचारियों की पदोन्नति का मुद्दा उठा। पदों के चिन्हांकन को लेकर नौ साल से चल रही विभागीय प्रक्रिया पर सवाल उठे, जिससे महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े घिर गईं। उनके जवाब से असंतुष्ट होकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार पर दिव्यांगजनों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया।
मंत्री के जवाबों से असंतुष्ट विपक्ष ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह गंभीर विषय है और आरोप-प्रत्यारोप से बचते हुए इसे मुख्य सचिव के संज्ञान में लाकर छह महीने में प्रक्रिया पूरी कराई जानी चाहिए। अध्यक्ष की इस व्यवस्था के बाद मामला शांत हुआ।
नौ साल से अटकी प्रक्रिया
सदन में चर्चा के दौरान यह सामने आया कि 2016 से अब तक पदों के चिन्हांकन की प्रक्रिया ही पूरी नहीं हो पाई है, जिसके कारण दिव्यांगजनों की भर्ती और पदोन्नति रुकी हुई है। मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि अब तक 24 विभागों से अभिमत प्राप्त हुआ है, जबकि 26 विभागों से जवाब आना बाकी है। जैसे ही सभी विभागों से अभिमत प्राप्त होगा, पदों का चिन्हांकन पूरा किया जाएगा।
विपक्ष का सरकार पर निशाना
मंत्री के जवाब के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सवाल किया कि क्या सरकार को विशेष भर्ती बैकलॉग के परिपत्र की जानकारी भी है या नहीं? जवाब देने से पहले ही उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दिव्यांगजनों के साथ धोखा हो रहा है और भाजपा सरकार उनके साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है। उन्होंने दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
मंत्री को सवालों से घिरता देख विधानसभा अध्यक्ष ने हस्तक्षेप किया और जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए। इसके बाद सदन में मामला शांत हुआ।

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